Sovereign Gold Bond : जानिए फिजिकल गोल्ड से बेहतर निवेश विकल्प क्यों है

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Sovereign Gold Bond Scheme :

सोने में निवेश हमेशा ही लोगों को आकर्षित करता रहा है क्योंकि आज भी लोगों के मन में यह विश्वास बना हुआ है कि सोना एक सुरक्षित निवेश है।

हालांकि अब सोने में निवेश करने के तरीकों में बहुत बदलाव आ चुका हैं। जो कि पारंपरिक सोना आभूषण की खरीदारी से कई मायनों में बहुत बेहतर हैं।

उनमें से है एक है – सावरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) जिसकी हम आज बात करने जा रहे हैं।

क्या है सॉवरेन गोल्ड बांड (sovereign gold bond) :

इस योजना की शुरुआत नवंबर 2015 में हुई थी। इसका मकसद फिजिकल गोल्ड की मांग में कमी लाना तथा सोने की खरीद में उपयोग होने वाली घरेलू बचत का इस्तेमाल वित्तीय बचत में करना है।घर में सोना खरीद कर रखने की बजाय अगर आप सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड में निवेश करते हैं, तो आप टैक्‍स भी बचा सकते हैं।

sovereign gold bond

आप sovereign gold bond कहां से खरीद सकते हैं :

Sovereign Gold Bond को आप अपने बैंक, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, चुनिंदा पोस्ट ऑफिस, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) या बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) से खरीद सकते हैं।

Sovereign gold bond का पेमेंट मोड :

गोल्ड बॉन्ड में निवेश के लिए पेमेंट कैश, डिमांड ड्राफ्ट, चेक और नेट बैंकिंग आदि के जरिए कर सकते हैं।

Sovereign gold bond: Investment Limit :

गोल्ड इंवेस्टमेंट स्कीम के तहत व्यक्तिगत निवेशकों और एचयूएफ न्यूनतम 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलो में निवेश कर सकते हैं। ट्रस्ट और अन्य संस्थाओं के लिए अधिकतम सीमा 20 किलो है। ज्वाइंट होल्डिंग में निवेश की सीमा अधिकतम 4 किलो सिर्फ पहले आवेदक पर लागू होती है।

Sovereign gold bond खरीदने का प्रोसेस और डाक्यूमेंट्स :

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने के लिए आपको एक फॉर्म भरना होगा जो कि आपको
आपको अधिकृत बैंक, पोस्ट ऑफिस और एजेंट्स के पास फॉर्म मिल जाएगा । बैंक इस बॉन्ड के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने की सुविधा भी उपलब्ध करा रहे हैं। इन बॉन्डस की बिक्री राष्ट्रीकृत बैंकों की शाखाओं, शिड्यूल्ड प्राइवेट बैंक, अधिकृत Post Offices, Stock Holding Corporation of India Ltd. (SHCIL) और अधिकारिक स्टॉक एक्सचेंज और एजेंटों के जरिए की जा रही है।

इसमें डाक्यूमेंट्स के तहत आपको Know-Your-Customer (KYC) मानकों को पूरा करना अनिवार्य है। साथ ही आपको अपने एप्लीकेशन फॉर्म में पैन नम्बर (PAN Number) की जानकारी देना अनिवार्य है।

Sovereign gold bond का मूल्य कैसे निर्धारित होता है :

सदस्यता के पहले सप्ताह के अंतिम तीन कार्य दिवसों में उद्योग निकाय IBJA द्वारा प्रकाशित 99.9 प्रतिशत शुद्धता के सोने पर लागू होने वाले क्लोजिंग मूल्य के एक साधारण औसत के आधार पर रिडेम्पशन कीमतों को जारी किया जाएगा।
खरीदने और बेचने के लिए इसी प्रकार मूल्य का निर्धारण किया जाएगा।

Sovereign gold bond का मैच्योरिटी पीरियड :

यह बांड 8 साल के मैच्योरिटी पीरियड के साथ आता है। 5 साल का लॉक इन पीरियड होता है। इसका मतलब है कि आप को अगर जरूरत है तो आप 5 साल बाद अपने पैसे को बाहर निकाल सकते हैं।

लेकिन अगर आप मैच्योरिटी से पहले अपने पैसे को निकालते हैं तो आप कैपिटल गैन टैक्स छूट का फायदा नहीं ले पाएंगे।

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सॉवरन गोल्ड बॉन्ड, फिजिकल गोल्ड से बेहतर क्यों है :

अगर आपको अपनी पैसे की तुरंत जरूरत नहीं है और आप उसे 8 साल तक के लिए छोड़ सकते हैं तो सॉवरेन गोल्ड बांड एक बेहतर विकल्प है फिजिकल गोल्ड से यह बेहतर क्यों है अब हम यह जानते हैं :

1. इस पर 2.5 % की वार्षिक दर से ब्याज मिलता है। जोकि हर छह महीने बाद क्रेडिट की जाती है। हालांकि यह इनिशियल इन्वेस्टमेंट पर ही मिलता है यानी अगर आपने 10,000 का सोना खरीदा है तो 10,000 पर ही 8 साल तक ब्याज मिलेगा। उसकी ब्याज पर ब्याज नहीं मिलेगा।

2.फिजिकल गोल्ड की तरह आपको ना तो उसे खरीदते वक्त जीएसटी देना है और ना ही बेचते वक्त।

3. कोई मेकिंग चार्ज नहीं।

4. अगर आप इसे में मैच्योरिटी तक होल्ड करते हैं तो आपको कैपिटल गेन टैक्स की छूट मिलती है।
हालांकि जो इससे इंटरेस्ट मिलेगा वह टैक्स फ्री नहीं है इंटरेस्ट पर आपको टैक्स देना पड़ेगा।

5. फिजिकल गोल्ड की तरह इसकी सुरक्षा की, आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।

6. फिजिकल गोल्ड की तरह इसमें ठगी का शिकार होने का डर आपको नहीं रहता है।

इसके फायदे जानने के बाद अब जान लेते हैं कि आप इसे कब खरीद सकते हैं। यह बॉन्ड कुछ विशेष समय के लिए ही साल में 5-6 बार खुलता है। 

 

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