Parvati Panchak Stotra :
पार्वती पंचक स्तोत्र (Parvati Panchak Stotra) माता पार्वती को समर्पित स्तुति है.
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Parvati Panchak Stotra Benefits :
इसके नियमित पाठ से मां पार्वती प्रसन्न होती है और पाठ करने वाले के जल्दी ही विवाह के योग बनने प्रारंभ होते हैं. पार्वती पंचक स्तोत्र से न केवल विवाह के योग बनते हैं यदि आप पहले से ही शादीशुदा हैं तो आपका दांपत्य जीवन में मधुरता भी बढ़ती है.
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जैसा की पार्वती पंचक स्तोत्र के अंत के श्लोक में बताया भी गया है की जो कन्या मां पार्वती के सम्मुख होकर प्रतिदिन इस पार्वती पंचक स्तोत्र का पाठ करती है अथवा सुनती है। उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उत्तम वर की प्राप्ति होती है। अगर आप इस स्तोत्र के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो आप इस वीडियो को भी सुन सकते हैं 👉 Click here
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Parvati Panchak Stotra Lyrics in hindi
।। पार्वती पंचक स्त्रोत्र ।।
घराधरेन्द्र नन्दिनी शशांक मौलि संगिनी,
सुरेश शक्ति वर्धिनी नितान्तकान्त कामिनी।
निशा चरेन्द्र मर्दिनी त्रिशूल शूल धारिणी,
मनोव्यथा विदारिणी शिवम् तनोतु पार्वती ।
भुजंग तल्प शामिनी महोग्रकांति भागिनी,
प्रकाश पुंज दायिनी विचित्र चित्र कारिणी।
प्रचण्ड शत्रु धर्षिणी दया प्रवाह वर्षिणी,
सदा सुभाग्य दायिनी शिवम् तनोतु पार्वती। ।
प्रकृष्ट सृष्टि कारिका प्रचण्ड नृत्य नर्तिका ,
पनाक पाणिधारिका गिरीश ऋग मालिका।
समस्त भक्त पालिका पीयूष पूर्ण वर्षिका,
कुभाग्य रेख मर्जिका शिवम् तनोतु पार्वती ।
तपश्चरी कुमारिका जगत्परा प्रहेलिका,
विशुद्ध भाव साधिका सुधा सरित्प्रवाहिका।
प्रयत्न पक्ष पौषिका सदार्धि भाव तोषिका,
शनि ग्रहादि तर्जिका शिवम् तनोतु पार्वती ।
शुभंकरी शिवंकरी विभाकरी निशाचरी,
नभश्चरी धराचरी समस्त सृष्टि संचरी ।
तमोहरी मनोहरी मृगांक मालि सुन्दरी,
सदोगताप संचरी,शिवं तनोतु पार्वती।।
पार्वती सम्मुखे नित्यमधीयते या कुमारिका ।
दुष्कृतं निखिलं हत्वा वरं प्राप्नोतिसुन्दरम् ||
हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।
मित्रों आप लोगों के बहुत से प्रश्न होंगे कि इस पार्वती पंचक स्तोत्र को किस प्रकार करना है और भी बहुत से प्रश्न.
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