Hanuman Chalisa Paath
हनुमान चालीसा पाठ !! यह नाम सनातन धर्म से जुड़ा कोई ही ऐसा व्यक्ति जिसने नहीं सुना होगा ! हनुमान चालीसा सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है और प्रत्येक घर में इसका पाठ बड़ी ही श्रद्धा से किया जाता है.
इसका कारण भी स्पष्ट ही है हनुमान जी इस कलयुग में जागृत देव हैं अतः माना जाता है कि आराधना से वे शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
इसके अतिरिक्त भगवान राम और सीता की कृपा पाने के लिए भी आपको हनुमान जी की आराधना आवश्यक है बिना हनुमान जी की आज्ञा के भगवान राम और सीता माता तक नहीं पहुंचा जा सकता. इसका वर्णन हनुमान चालीसा में भी किया गया है “राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे”
आज हम हनुमान चालीसा के पाठ (hanuman chalisa paath) करने के फायदे के बारे में आपको बताएंगे..
हनुमान चालीसा के पाठ करने के फायदे :
(Hanuman Chalisa reading benefits) :
संकटों से मुक्ति : हनुमान चालीसा का पाठ (hanuman chalisa ka paath) संकटों से मुक्ति के लिए भी विशेष लाभप्रद माना जाता है. ऐसा हनुमान चालीसा में भी वर्णित है “संकट कटे मिटे सब पीरा | जो सुमिरे हनुमत बलबीरा” अतः अगर आपको किसी भी प्रकार के संकट आने का भय सता रहा है तो आप हनुमान चालीसा का पाठ प्रारंभ कर दीजिए..आप का संकट वही टल जाएगा..
भय एवं ऊपरी बाधाओं से रक्षा एवं मुक्ति : ऐसा सर्वत्र ही ज्ञात है अगर आप किसी भी प्रकार के भय से पीड़ित हैं तो हनुमान चालीसा का पाठ (hanuman chalisa paath) नियमित रूप से कीजिए . जिससे आपको उस डर से मुक्ति मिलेगी और आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा.
रोगों से मुक्ति : अगर आपका शरीर रोगों से पीड़ित है या छोटी मोटी बीमारी आपको लगी रहती हैं तो हनुमान चालीसा का पाठ आपके लिए विशेष लाभप्रद हो सकता है आप प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ (hanuman chalisa paath) करें और रोगों से मुक्ति प्राप्त करें.
शनि देव की ढैया एवं साढ़ेसाती से रक्षा : अगर आप पर शनिदेव की भैया अथवा साढ़ेसाती चल रही है और आप उससे परेशान चल रहे हैं तो आपको प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ (hanuman chalisa paath) करना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी के भक्तों को शनि देव परेशान नहीं करते हैं.
नकारात्मकता होती है दूर : जब आप श्रद्धा पूर्वक नित्य हनुमान चालीसा का पाठ (hanuman chalisa paath) करते हैं तो आपके आसपास व मन की नकारात्मकता धीरे-धीरे दूर होने लगती है और सकारात्मकता का संचार होने लगता है. आपकी बल में वृद्धि होती है तथा आत्मविश्वास बढ़ता है.
सभी इच्छाएं होती है पूर्ण : हनुमान चालीसा में कहा गया है कि हनुमान जी अष्टसिद्घि और नवनिधि के दाता कहा गया. जो व्यक्ति नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ (hanuman chalisa paath) करता है. उसकी हर मनोकामना हनुमान जी पूरी करते हैं चाहे वह धन संबंधी इच्छा ही क्यों न हो.
आप यहां click करके Hindi Lyrics के साथ हनुमान चालीसा fast version में सुन सकते हैं वह भी सिर्फ 3 मिनट में.. 👉 Click Here
परीक्षा में सफलता की प्राप्ति के लिए : हनुमान जी की कृपा पाने के लिए छात्रों को नियमित हनुमान चालीसा का पाठ (hanuman chalisa paath) करना चाहिए. छात्र जीवन में चालीसा का पाठ करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है और शिक्षा के क्षेत्र में कामयाबी मिलती है.
इसका कारण यह है कि हनुमान जी स्वयं हैं ‘विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।’ जो इनकी भक्ति सहित हनुमान चालीसा का पाठ करता है उनमें भी हनुमान जी यह गुण भर देते हैं.
इसके अतिरिक्त जब आप स्वयं नियमित हनुमान चालीसा का पाठ (hanuman chalisa ka paath) करेंगे अथवा सुनेंगे तो आपको स्वयं महसूस होगा कि इसके अनेक अनगिनत लाभ आपको मिल रहे हैं ..सुनिए हनुमान चालीसा (hanuman chalisa paath in hindi) एक नई मधुर धुन में (hanuman chalisa new version) :
To Listen Hanuman Chalisa (With English Lyrics) in Fast Version 👉 Click Here
हनुमान चालीसा (Jai Hanuman Gyan Gun Sagar Lyrics):
इसके अलावा अगर आप चाहें तो आप स्वयं भी हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं, इसलिए हम आपको हनुमान चालीसा लिरिक्स हिंदी और इंग्लिश दोनों में ही उपलब्ध करा रहे हैं:
हनुमान चालीसा हिंदी में (hanuman chalisa hindi mein) :
(jai hanuman gyan gun sagar lyrics, shri guru charan saroj raj lyrics)
।। दोहा।।
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन–कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
।। चौपाई।।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुँ लोक उजागर।
राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि पुत्र पवनसुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।
कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुण्डल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। काँधे मुँज जनेऊ साजै।।
शंकर सुवन केसरी नन्दन। तेज प्रताप महा जग बन्दन।।
विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। विकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर सँहारे। रामचन्द्र के काज सँवारे।।
लाय संजीवन लखन जियाये। श्री रघुबीर हरषि उर लाये।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते। कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मन्त्र विभीषन माना। लंकेश्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हरी सरना। तुम रक्षक काहू को डर ना।।
आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हाँक तें काँपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा।।
और मनोरथ जो कोई लावै। सोइ अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा।। है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु सन्त के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दु:ख बिसरावै।।
अन्त काल रघुबर पुर जाई। जहाँ जन्म हरि–भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई। हनुमत् सेई सर्व सुख करई।।
संकट कटै मिटे सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जय जय जय हनुमान गौसाईं। वृपा करहु गुरुदेव की नाईं।
जो त बार पाठ कर कोई। छुटहि बंदि महासुख होई।
जो यह पढ़ै हनुमान् चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।।
।।। दोहा।।
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
जय सीयाराम
Hanuman Chalisa Lyrics in English :
(jai hanuman gyan gun sagar lyrics, shri guru charan saroj raj lyrics)
Doha
Shri Guru Charan Saroj raj
Nija manu Mukura sudhari
Baranau Raghubar Bimal Jasu
Jo Dayaku Phala Chari
Budheeheen Tanu Jannike
Sumiro Pavan Kumara
Bal Buddhi Vidya Dehoo
Mohee Harahu Kalesh Vikaar
Chaupaii
Jai Hanuman gyan gun sagar
Jai Kapees tihun lok ujagar
Ram doot atulit bal dhama
Anjani putra Pavan sut nama
Mahabeer vikram Bajrangi
Kumati nivar sumati Ke sangi
Kanchan baran biraj subesa
Kanan Kundal Kunchit Kesa
Hath bajra Aur Dhwaja biraje
Kaandhe moonj janeu saaje
Sankar suvan kesri Nandan
Tej prataap maha jag vandan
Vidyavaan guni ati chatur
Ram kaj karibe ko aatur
Prabhu charitra sunibe ko rasiya
Ram Lakhan Sita man Basiya
Sukshma roop dhari Siyahi dikhava
Vikat roop dhari lank jalava
Bhim roop dhari asur sanhare
Ramachandra ke kaj sanvare
Laye Sanjivan Lakhan Jiyaye
Shri Raghuvir Harashi ur laye
Raghupati Keenhi bahut barhaee
Tum mam priya Bharat-hi-sam bhaee
Sahas badan tumharo jash gaave
As kahi Shripati kanth lagaave
Sankadhik Brahmaadi Muneesa
Narad Sarad sahit Aheesa
Jam Kuber Digpaal Jahan te
Kavi kovid kahi sake kahan te
Tum upkar Sugreevahin keenha
Ram milaye rajpad deenha
Tumhro mantra Vibheeshan maana
Lankeswar Bhaye Sab jag jana
Jug sahasra Jojan par Bhanu
Leelyo tahi madhur phal janu
Prabhu mudrika meli mukh mahee
Jaladhi langhi gaye achraj nahee
Durgam kaj jagat ke jete
Sugam anugraha tumhre tete
Ram duwaare tum rakhvare
Hot na agya binu paisare
Sab sukh lahai tumhari sarna
Tum rakshak kahu ko darna
Aapan tej samharo aapai
Teenon lok hank te kanpai
Bhoot pisaach Nikat nahin aavai
Mahavir jab naam sunavai
Nase rog harae sab peera
Japat nirantar Hanumat beera
Sankat se Hanuman chhudavai
Man Kram Vachan dhyan jo lavai
Sab par Ram tapasvee raja
Tin ke kaj sakal Tum saja
Aur manorath jo koi lavai
Soi amit jeevan phal pavai
Charon jug partap tumhara
Hai parsiddh jagat ujiyara
Sadhu Sant ke tum Rakhware
Asur nikandan Ram dulare
Ashta siddhi nav nidhi ke data
As var deen Janki mata
Ram rasayan tumhare pasa
Sada raho Raghupati ke dasa
Tumhare bhajan Ram ko pavai
Janam janam ke dukh bisraavai
Antkaal Raghuvar pur jayee
Jahan janam Hari Bhakt Kahayee
Aur Devta Chitt na dharahin
Hanumat sei sarv sukh karahin
Sankat kate mite sab peera
Jo sumirai Hanumat Balbeera
Jai Jai Jai Hanuman Gosain
Kripa Karahun Gurudev ki nayin
Jo shat bar path kare koi
Chhutahin bandi maha sukh hoi
Jo yeh padhe Hanuman Chalisa
Hoye siddhi saakhi Gaureesa
Tulsidas sada hari chera
Keejai Nath Hriday mahn dera
Doha
Pavan Tanay Sankat Harana
Mangala Murati Roop
Ram Lakhan Sita Sahita
Hriday Basahu Soor Bhoop
Jai Siya Ram
(hanuman chalisa paath)
Read more : Jai Jai Girivar Raj Kishori Lyrics in Hindi : सभी मनोरथ पूर्ण करने वाली गौरी स्तुति रामायण
If you want any online paid astrological consultancy, you may contact and follow us on :