मन को शांति देने वाला Kanhu Re – Krishna Bhajan with Lyrics
🌼 कान्हू रे (Kanhu Re)– भक्ति और प्रेम से सजा कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)🌼
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कृष्ण जन्माष्टमी केवल एक त्यौहार नहीं है जिन लोगों के मन में बाल गोपाल की छवि अंकित है उनके लिए जन्माष्टमी हमेशा बाल गोपाल के नखरे उठाने और उनको मनाने का अवसर लेकर आती है.
Kanhu re, Krishna Bhajan with Lyrics
वह लोग बाल गोपाल को तरह-तरह से सजाते हैं उनके बाल क्रीड़ाओं का आनंद लेते हैं तथा सुंदर भजन सुनते हैं और अपने मन को और जीवन को आनंद से भरते हैं. कृष्ण भक्त, बाल गोपाल भक्त केवल जन्माष्टमी तक ही सीमित नहीं है, यह सभी कृष्ण प्रेमी जानते ही हैं.
“कान्हू रे (Kanhu Re)” भजन —आज हम आपके लिए लाए हैं, एक ऐसा Popular कृष्ण भजन (Krishna Bhajan with Lyrics) जो कि बिना किसी योजना के एक भक्त के हृदय से निकल पड़ा है और वही भाव आज आपके सामने भजन के रूप में प्रस्तुत है..यह केवल एक गीत नहीं, बल्कि बाल गोपाल की पूजा करते समय, एक भक्त के हृदय से सहज बह निकली पंक्तियाँ हैं।
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आप सभी कृष्ण भक्तों से निवेदन है कि इस भजन को आंख बंद करके मन से सुने और अगर आप भी इस भाव से जुड़ते हैं तो कमेंट में ‘राधे-राधे’ जरूर लिखें 🙏
🎵”कान्हू रे” भजन के बोल (Kanhu Re – Krishna Bhajan with Lyrics)
कान्हा रे मोरे प्यारे कान्हा रे,
कान्हू रे मोरे प्यारे कान्हू रे,
तोपे वारि वारि जाऊं मोरे कान्हा रे..
कान्हू रे मोरे प्यारे कान्हू रे,
तोपे वारि वारि जाऊं मोरे कान्हा रे।
कान्हा रे मोरे प्यारे कान्हा रे…
नैना ढूंढे ब्रज के बन में,
तू तो बसा मोरे मन में
कान्हा रे मोरे प्यारे कान्हा रे।
तोपे वारि वारि जाऊं मोरे कान्हा रे।
कान्हा रे मोरे प्यारे कान्हा रे…
चरणनन में तेरे फूल बिछाऊं,
प्रेम की गागर मैं भर लाऊं।
कान्हा रे मोरे प्यारे कान्हा रे।
तोपे वारि वारि जाऊं मोरे कान्हा रे।
कान्हा रे मोरे प्यारे कान्हा रे…
मोर मुकुट की छवि निहारूं,
मन मंदिर में दीप जलाऊं।
कान्हा रे मोरे प्यारे कान्हा रे।
तोपे वारि वारि जाऊं मोरे कान्हा रे।
कान्हू रे मोरे प्यारे कान्हू रे….
यही बात मैं समझ न पाऊँ,
तू ही बता मैं क्या कर लाऊँ ।
कान्हा रे मोरे प्यारे कान्हा रे।
तोपे वारि वारि जाऊं मोरे कान्हा रे।
कान्हू रे मोरा प्यारा कान्हू रे,
तोपे वारि वारि जाऊं मोरे कान्हा रे।
कान्हा रे मोरे प्यारे कान्हा रे।
📽️ इस भजन (kanha ji ke bhajan) को सुनें और महसूस करें
नीचे दिए गए वीडियो में “कान्हू रे” का मधुर स्वर और कृष्ण प्रेम का अद्भुत संगम है।
वीडियो चलाएं, आँखें बंद करें, और कान्हा के चरणों में मन अर्पित करें।
🙏 भक्ति का संदेश
जन्माष्टमी केवल एक त्योहार नहीं, यह वह क्षण है जब हर हृदय अपने कान्हा को पुकारता है।
अगर आपके मन में भी यही प्रेम और भक्ति है, तो कमेंट में “राधे राधे” अवश्य लिखें।

