Sapt Shloki Durga : केवल 3 मिनट की पाठ से पाएँ पूरी दुर्गा सप्तशती का फल !

sapt shloki durga
Spread the love

जय माता दी भक्त जनों !

आज हम आपके लिए सप्तश्लोकी दुर्गा (Sapt Shloki Durga) का पाठ प्रस्तुत कर रहे हैं. अगर आप इस चमत्कारिक स्तोत्र सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ करना चाहते हैं अथवा सुनना चाहते हैं तो हमने आपके लिए शुद्ध उच्चारण में इसे उपलब्ध कराया है आप यहां पर क्लिक करके इसे सुन सकते हैं और संपूर्ण लाभ उठा सकते हैं 👉 श्री सप्तश्लोकी दुर्गा पाठ

सप्त श्लोकी दुर्गा क्या है? (Sapt Shloki Durga kya he?):

जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि दुर्गा सप्तशती में 700 श्लोक हैं. इन्हीं 700 श्लोकों में से कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण एवं माता रानी को प्रिय सात श्लोकों का संकलन ही सप्तश्लोकी दुर्गा कहलाता है.

सप्त श्लोकी दुर्गा के लाभ (Sapt Shloki Durga Benefits) :

अगर आप पर पूरी दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का समय नहीं है तो आप केवल इन 7 श्लोकों का पाठ कर के ही पूरी दुर्गा सप्तशती के फल को प्राप्त कर सकते हैं ।

Read more : Sarva badha vinirmukto mantra जो मिटाएगा आपकी सारी परेशानियां

इस सप्त श्लोकि दुर्गा  के पाठ से सभी अमंगल दूर होते हैं और माता रानी की कृपा अपने भक्तों पर बरसती है तो आइये माँ दुर्गा की सप्त श्लोकि दुर्गा का पाठ प्रारंभ करते हैं …

Read more : Katyayani Mantra : अगर Love Marriage में आ रही हैं रुकावटें तो करें कात्यायनी मंत्र

Sapt Shloki Durga Lyrics :

अथ सप्तश्लोकी दुर्गा

शिव उवाच –

देवि त्वं भक्तसुलभे कलौ हि सर्वकार्यविधायिनी।
कलौ हि कार्यसिद्धयर्थमुपायं ब्रूहि यत्नतः ॥

देव्युवाच –

शृणु देव प्रवक्ष्यामि कलौ सर्वेष्टसाधनम्।
मया तवैव स्नेहेनाप्यम्बास्तुतिः प्रकाश्यते ॥ 

ॐ अस्य श्रीदुर्गासप्तश्लोकीस्तोत्रमन्त्रस्य नारायण ऋषिः,
अनुष्टुप् छन्दः, श्रीमहाकालीमहालक्ष्मीमहासरस्वत्यो देवताः,
श्रीदुर्गाप्रीत्यर्थं सप्तश्लोकीदुर्गापाठे विनियोगः । 

ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा।
बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति ॥ १ ॥

दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः
स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि ।
दारिद्र्यदुःखभयहारिणि का त्वदन्या
सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता ॥ २ ॥

सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ ३॥

 शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥४॥

सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते ।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते ॥५॥

रोगानशेषानपहंसि तुष्टा
रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान् ।

त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां
त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति ॥ ६ ॥

सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि।
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरिविनाशनम् ॥ ७ ॥

॥ इति श्रीसप्तश्लोकी दुर्गा सम्पूर्णम् ॥


Spread the love

About Dr. Neetu Bansal

Dr. Neetu Bansal, a renowned astrologer with over 17+ years of experience, Now you can consult for your personalized astrological guidance. Connect with her to unlock the celestial secrets that shape your destiny. WhatsApp no. for paid consultation : 9997376805

View all posts by Dr. Neetu Bansal →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *